यूलिप इंश्योरेंस
कम समय में मुनाफा कमाने के लिए क्या यूलिप एक अच्छा विकल्प है?
पैसा बचाना और निवेश करना कितना जरूरी है यह कोई बताने वाली बात नही है। सभी जानते हैं कि निवेश...
लेख पढ़ेंयूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, जिसे यूलिप भी कहा जाता है, बीमा और निवेश की मिली जुली व्यवस्था है। यूलिप, धन अर्जित करने के साथ-साथ प्रियजनों के भविष्य को सुरक्षित करते हुए आपको दोहरे लाभ प्रदान करता है। अतः आपको पारम्परिक तरीकों से धन वृद्धि का मौका तो मिलता ही है, साथ ही, इस योजना के तहत जीवन बीमा की सुरक्षा भी हासिल होती है। इसी कारण, यूलिप में निवेश, आपको जीवन के आक्समिक उतार-चढ़ावों से बचने के लिए अधिकतम सुरक्षा लाभ दिला सकता है।
यूलिप, निवेश और बीमा योजना, दोनों की भूमिका अदा करते हैं। यूलिप के अंतर्गत, डेथ बेनिफिट निर्धारित होता है, जो खेदजनक परिस्थिति में नामांकित व्यक्ति को प्रदान किया जाता है। साथ ही, यदि पॉलिसी धारक, यूलिप की अवधि के दौरान बना रहता है, तो उन्हें यूलिप का मैच्योरिटी मूल्य हासिल होता है। यह मूल्य, इक्विटी और कर्ज़ निधि में किये गए यूलिप निवेश के द्वारा उत्पन्न किया जाता है।
यूलिप मैच्योरिटी बेनिफिट बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, साथ ही, योजना के अंतर्गत बीमा सुरक्षा सुनिश्चित रहती है।
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, या कहें यूलिप, बीमा और निवेश का मिलाजुला रूप है। यह योजना, आपको बीमा कवर के साथ-साथ विभिन्न एसेट श्रेणियों में निवेश की अनुमति भी प्रदान करता है। लेकिन, यूलिप में निवेश करने से पहले आपको, उन शुल्कों की जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए, जो आपको पॉलिसी अवधि के दौरान अदा करने होते हैं। विभिन्न बीमाकर्ताओं के अनुसार, शुल्कों की संरचना/ अनुकूलता अलग अलग हो सकती है, लेकिन निम्नलिखित शुल्क और फीस अधिकांशतः सामान्य हैं:
यह एक निश्चित प्रतिशत दर है जो पॉलिसी के आरंभिक वर्षो में, उच्च दर पर प्रीमियम में से घटा लिया जाता है। यह शुल्क, बीमा कंपनी द्वारा योजना का आवंटन करने से पहले काट ली जाती है। इस शुल्क के अंतर्गत, प्रारंभिक शुल्क, नवीनीकरण शुल्क, चिकित्सा व्यय, जैसे शुल्क आते हैं।
बीमा कंपनियों द्वारा पॉलिसी प्रबंधन शुल्क लगाये जाते हैं, जो प्रति माह के आधार पर वसूल किये जाते हैं। यह शुल्क, पॉलिसी प्रबंधन के लिए वसूल किये जाते हैं।
जैसा कि नाम से प्रतीत होता है, फंड प्रबंधन शुल्क आपके फंड्स को प्रबंधित करने के लिए वसूले जाते हैं, जिससे आपको उच्चतम रिटर्न्स मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
यूलिप, निवेशक को आंशिक रूप से फंड्स की वापसी का विकल्प प्रदान करती है। हालांकि ऐसी निकासी, दंड शुल्क को अपनी ओर आकृष्ट करती है।
यह शुल्क, उम्र, बीमित राशि के मूल्य जैसे कई कारकों पर निर्भर है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप 25 वर्ष की उम्र में कोई पॉलिसी खरीदते हैं तो आपका मृत्यु शुल्क काम होगा क्योंकि, एक 25 वर्षीय व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा, एक 50 वर्षीय व्यक्ति के मुकाबले अधिक होती है। इस शुल्क की कटौती, मासिक आधार पर की जाती है।
यूलिप में अपने निवशों को एक फण्ड से दूसरे फंड में स्थानांतरित करना, 'स्विचिंग' कहलाता है। यह सुविधा, निवेशकों को किसी फंड के प्रदर्शन और जोखिम की गुंजाइश के आधार पर प्रतिवर्ष फंड्स के बीच स्विच करने का विकल्प प्रदान करती है। लेकिन, हर स्विचिंग के लिए निवेशक को बीमा कंपनी की शुल्क संरचना के आधार पर कुछ शुल्कों को अदा करना होता है।
इस प्रकार के शुल्क, अतिरिक्त राइडरों के लिए वसूल किये जाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक गंभीर बीमारी राइडर को चुनते हैं, तो आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा।
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या यूलिप उन लोगों के लिए एक सटीक विकल्प है , जो लम्बी अवधि के निवेश का एक ऐसा साधन खोज रहे हैं, जो पारदर्शिता और लचीलापन उपलब्ध करवाता हो। साथ ही, यह योजना ऐसे लोगों के लिए भी उपयुक्त है, जो निवेश बाजार में उतरने का किफ़ायती तरीका ढूंढ रहे हैं। यूलिप्स ऐसे कई फण्ड विकल्पों की श्रेणी के साथ मौजूद है, जो पॉलिसी धारक की निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह कारण भी यूलिप खरीदने की आवश्यकता को दर्शाते हैं:
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, या यूलिप, निवेश का एक दीर्घकालीन साधन है, जो आपको ज़बरदस्त और प्रभावशाली तरीके से अपने सपने साकार करने में मदद करता है। हालांकि, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान का पूरा फायदा उठाने के लिए, आपको योजना का कुशल प्रबंधन सीखना पड़ेगा। आपको सुनिश्चित करना होगा, कि आपके रिटर्न्स संतुलित हैं, ताकि एक एसेट श्रेणी द्वारा हुए नुकसान की भरपाई, दूसरी श्रेणी के ज़रिए की जा सके। इसीलिए, यह आपके निवेश का कुल जोखिम काफी हद तक कम कर देती है। यहाँ कुछ टिप्स दी जा रही हैं, जो आपको अपनी यूलिप्स को बेहतर तरीके से संचालित करने में मदद करेंगी:
हर बीमे की तरह, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान में भी आपको एक प्रीमियम जमा करना पड़ता है। यूलिप, में बीमा कंपनी आपके प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन बीमे के लिए काटकर, बाक़ी की राशि अलग अलग फंड्स में निवेश कर देतीं है। इसके बाद आप को, चुने हुए फंड्स के प्रदर्शन अनुसार रिटर्न प्राप्त होता है। निवेश फण्ड का चुनाव करने के लिए आपके पास कई विकल्प हैं, जैसे - इक्विटी, डेब्ट, हाइब्रिड फण्ड आदि।
यूलिप आपको निवेश विकल्प बदलने का मौका देता है। जब आपका कोई निश्चित वित्तीय लक्ष्य न हो, और आप एक फंड से दूसरे फंड में बदलना चाहते हैं, तब यह विकल्प काफी मददगार साबित होता है।
यूलिप पारदर्शी होते हैं। इनमें निवेश करते समय, हमें छिपे हुए शुल्कों और फीस की चिंता नहीं करनी पड़ती है। फंड्स प्रबंधन शुल्क, पॉलिसी प्रबंधन शुल्क आदि सभी शुल्कों के बारे में, आपको उत्पाद खरीदते समय ही सूचित कर दिया जाता है।
यूलिप, टैक्स सेविंग के कुशल साधन होते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, पॉलिसी के लिए अदा किया गया प्रीमियम कटौती से मुक्त होता है।
यूलिप लम्बी अवधि के निवेश लक्ष्यों के लिए आदर्श हैं। यूलिप में निवेश करने से पहले, अपने दीर्घकालीन वित्तीय लक्ष्यों की सूची बना लें, जो आप निवेश के जरिये पूरे करना चाहते हैं। उदाहरण के तौर पर, अपने बच्चो की उच्च शिक्षा, मकान खरीदना, बच्चो के विवाह आदि।
निवेशक प्रकार | अनुकूल यूलिप के प्रकार |
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जोखिम उठाने वाले निवेशक | अगर आप भारी जोखिम उठाने की गुंजाइश रखते हैं, तो आपके लिए इक्विटी निवेश माध्यम उपयुक्त है। एक्विटी माध्यम अधिकतम रिटर्न्स प्रदान करते, लेकिन सर्वाधिक जोखिम भरे भी होते हैं |
जोखिम से बचने वाले निवेशक | अगर आप कम जोखिम उठाना पसन्द करते हैं, तो आपके लिए डेब्ट फंड्स उपयुक्त है। डेब्ट फंड्स में मौजूद विकल्प जैसे, कॉरपोरेट बांड, तयशुदा आय बांड आदि कम जोखिम भरे निवेश हैं, लेकिन इनमें रिटर्न्स की संख्या भी कम रहती है। |
मध्यम जोखिम निवेशक | अगर आप जोखिम उठाने को तैयार हैं, लेकिन बहुत अधिक जोखिम भी नहीं उठाना चाहते हैं, तो आपके लिये संतुलित फंड्स सबसे उपयुक्त है। |
एक सही यूलिप चुनने के लिए, आपको निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना होगा:
यह अनुपात, आपको क्लेम किये गए मामलों के लिए, बीमा कंपनी द्वारा किये गए भुगतान की सही जानकारी देता है। "कैनरा एचएसबीसी लाइफ ओबीसी" का क्लेम सेटलमेंट अनुपात 97.18% है।
यूलिप्स में निवेश करने से पहले, फंड्स के पुराने प्रदर्शन की जांच अवश्य करनी चाहिए। आप फंड्स द्वारा पिछले 5 वर्ष की अवधी में किये गए प्रदर्शन को जांच सकते हैं।
अपनी जोखिम उठाने की गुंजाइश को समझना आपके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस गुंजाइश की जानकारी होने पर आप अपने लिए उपयुक्त फण्ड का चुनाव कर सकते हैं।
कई यूलिप्स विभिन्न प्रकार की निवेश रणनीतियां प्रदान करते हैं जैसे, - फण्ड स्विच करने का लचीलापन, प्रीमियम भुगतान करने के अनेक विकल्प, और जीवन चक्र पर आधारित निवेश। ऐसे यूलिप्स की खोज करें, जो आपके लक्ष्यों के अनुकूल हों।
यूलिप खरीदने से पहले, यह जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें, कि क्या भविष्य में, बीमा कंपनी अपने दावों को पूरा कर पा रही है? कंपनी का सोल्वेंसी अनुपात जितना अधिक रहेगा, कंपनी उतने ही बेहतर तरीके से अपने दावों को पूरा कर पा रही है। इससे आपको यह समझने में भी सहायता मिलेगी कि, कंपनी अपने ग्राहकों की ज़रूरतों को कितने बेहतर तरीके से समझती है।
यूलिप के साथ मुख्य फायदा यही है कि, अपने जोखिम उठाने की गुंजाइश के मुताबिक, आप अपने फंड का चुनाव कर सकते है। यूलिप में चुनाव करने के लिए कई फंड्स मौजूद हैं। आप अगर जोखिम न लेने वाले निवेशक है तो, डेब्ट फंड्स में निवेश कीजिये, अन्यथा इक्विटी फण्ड में निवेश कीजिये।
यूलिप योजनाएं 5 वर्ष की लॉक इन अवधि के साथ आती है। यह पॉलिसी लंबी अवधि के लिए निवेश पर अच्छे रिटर्न्स उपलब्ध कराती है।
प्रीमियम भुगतान के तीन तरीके होते हैं :- सिंगल, लिमिटेड और रेगुलर भुगतान विकल्प। सिंगल भुगतान के तहत आपको, पूरी प्रीमियम राशि, पॉलिसी के आरम्भ में एकमुश्त जमा करनी होती है।
यूलिप के तहत आप लॉक इन अवधि पूरी होने के बाद, आंशिक धन निकासी भी कर सकते हैं।
अपनी बचत को, हमारी नए युग की यूलिप योजना के साथ, और अधिक बढ़ाइए। यह यूलिप, इन्वेस्ट 4G ऑनलाइन उपलब्ध है। यह योजना उन नई उम्र के निवेशको के लिए एक दम सटीक है, जो अपने लम्बी अवधि के वित्तीय लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। हमारी बैंक की इस योजना के तहत, ग्राहकों को शून्य कमीशन देनी पड़ती है, एवं साथ ही वेल्थ बूस्टर और लॉयल्टी एडिशन जैसी सुविधाएं भी मुहैय्या कराई जातीं हैं। रिटर्न्स के मामले में भी, इन्वेस्ट 4G का प्रदर्शन, अपनी न्यूनतम शुल्क संरचना के कारण ,अन्य निवेश विकल्पों से बेहतर है।
टाइटेनियम प्लस प्लान (सेविंग्स व सुरक्षा प्लान)
प्रीमियम राशि की जानकारी
प्रीमियम भुगतान का तरीका | न्यूनतम | अधिकतम |
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वार्षिक | 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष | असीमित |
मासिक | 16,667 रुपये प्रति माह | असीमित |
एकमुश्त | 1.25 लाख प्रति वर्ष | असीमित |
प्रीमियम भुगतान अवधि |Pay: सिंगल प्रीमियम भुगतान |लिमिट भुगतान - 5/7/10/15 वर्ष |रेगुलर भुगतान - पॉलिसी के समान
अधिक जानिएस्मार्ट फ्यूचर प्लान ( लम्बी अवधि निवेश योजना )
प्रीमियम राशि की जानकारी
पॉलिसी अवधि | प्रीमियम भुगतान का तरीका | |
---|---|---|
वार्षिक | मासिक | |
10 वर्ष | 50 हज़ार रुपये प्रति वर्ष | 5 हज़ार रुपये माह |
15/20/25 वर्ष | 25 हज़ार रुपये प्रति वर्ष | 3 हज़ार रुपये प्रति माह |
प्रीमियम भुगतान अवधि |10 से 20 वर्ष के बीच कोई भी प्रीमियम भुगतान अवधि चुन सकते हैं
अधिक जानिएस्मार्ट गोल्स प्लान (बचत-सह-सुरक्षा योजना)
विकल्प अ
प्रीमियम भुगतान का तरीका | न्यूनतम | अधिकतम |
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वार्षिक | 50 हज़ार रुपये प्रति वर्ष | असीमित |
मासिक | 5 हज़ार रुपये प्रति माह | असीमित |
प्रीमियम भुगतान अवधि |5 वर्ष
विकल्प ब
प्रीमियम भुगतान का तरीका | न्यूनतम | अधिकतम |
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वार्षिक | 25 हज़ार रुपये प्रति वर्ष | असीमित |
मासिक | 3 हज़ार रुपये प्रति माह | असीमित |
प्रीमियम भुगतान अवधि | 10 से 25 वर्ष
अधिक जानिएस्मार्ट लाइफ लांग प्लान (जीवनपर्यंत योजना)
भुगतान की जानकारी
प्रीमियम भुगतान का तरीका | न्यूनतम | अधिकतम |
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वार्षिक | 25 हज़ार रुपये प्रति वर्ष | असीमित |
मासिक | 3 हज़ार रुपये प्रति माह | असीमित |
प्रीमियम भुगतान अवधि|न्यूनतम 10 वर्ष अधिकतम 99 वर्ष - आयु प्रारंभिक वर्षो से
अधिक जानिएसिक्योर भविष्य प्लान (यूनिट लिंक्ड पेंशन प्लान)
प्रीमियम भुगतान अवधि
न्यूनतम | अधिकतम | |
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सिंगल भुगतान | केवल एकमुश्त प्रीमियम | असीमित |
लिमिटेड भुगतान | 5 वर्ष | 34 वर्ष |
रेगुलर भुगतान | 10 वर्ष | पॉलिसी अवधि के बराबर |
इंश्योर स्मार्ट प्लान (धनार्जन योजना)
प्रीमियम भुगतान की जानकारी
भुगतान का तरीका | न्यूनतम | अधिकतम |
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वार्षिक | 50 हज़ार रुपये | असीमित |
प्रीमियम भुगतान अवधि |5 वर्ष ( निश्चित)
Know Moreफ्यूचर स्मार्ट प्लान (बचत-सह-सुरक्षा योजना)
प्रीमियम राशि की सूचना
पॉलिसी अवधि | भुगतान का तरीका | |
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वार्षिक | ||
10 वर्ष | 50 हज़ार रुपये प्रति वर्ष | |
15/20/25 वर्ष | 25 हज़ार रुपये प्रति वर्ष |
प्रीमियम भुगतान अवधि |10 से 20 वर्ष के बीच कोई भी प्रीमियम भुगतान अवधि चुन सकते हैं
अधिक जानकारी प्राप्त करेंग्रो स्मार्ट प्लान ( व्होल लाइफ यूलिप)
प्रीमियम भुगतान की जानकारी
भुगतान का तरीका | न्यूनतम | अधिकतम |
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वार्षिक प्रीमियम | 25 हज़ार रुपये | असीमित |
न्यूनतम 10 वर्ष|अधिकतम 99 वर्ष, आरम्भिक वर्ष में
अधिक जानकारी प्राप्त करेंकई वर्षों पूर्व, सन 2008 में यूलिप योजनाओं की शुल्क संरचना अत्यधिक महंगी हुआ करती थी। लेकिन, इसके बाद IRDAI ने इस मामले में दखल देकर, शुल्क संरचना की समीक्षा करवाई, जिसके बाद शुल्कों में काफी कमी आ गयी है। अगर महंगे शुल्कों के कारण यूलिप में निवेश करने से पीछे हट रहे थे, तो यह चिंता से मन से निकाल दें।
यूलिप योजनाओं के तहत, निवेशक को अपने जोखिम उठाने की गुंजाइश के मुताबिक, फण्ड चुनने का अवसर मिलता है। यूलिप फंड्स में कम जोखिम उठाने वाले निवेशको के लिए डेब्ट और लिक्विड फंड्स उपलब्ध हैं, तो वही अधिक जोखिम पसन्द करने वाले निवेशक इक्विटी फंड्स में निवेश कर सकते हैं।
कुछ वर्ष पूर्व, लॉक इन अवधि 3 वर्ष हुआ करती थी। लेकिन, 2010 में IRDAI ने नियमो की समीक्षा करते हुए इसे 5 का कर दिया। आज के समय में, यूलिप में लॉक इन की अवधि 5 वर्ष ही होती है।
यूलिप के तहत, निवेशकों सम्पूर्ण विकल्प उपलब्ध होते हैं। निवेशक अपने जोखिम उठाने की गुंजाइश के मुताबिक, अपने फंड का चुनाव कर सकते है। इसके अतिरिक्त, यूलिप आपको, आपकी पॉलिसी परिपक्व होने से पहले ही आंशिक धन राशि वापस निकालने का विकल्प देती है।
यूलिप, बीमे और निवेश की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श माध्यम है। न केवल यह आपको जीवन सुरक्षा प्रदान करता है, साथ ही यह निवेश के विकल्प भी प्रदान करता है।
अगर आप समझदारी से चुनाव करते हैं, तो यूलिप आपको सभी अन्य निवेश विकल्पों से अधिक रिटर्न्स दिला सकती है। अगर आप अपने लम्बी अवधि के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अधिक रिटर्न्स चाहते है तो, यूलिप सबसे बेहतरीन निवेश विकल्पों में से एक है।
निर्णायक बिंदु | उदाहरण |
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वर्तमान आय | आपकी आय अगर अभी 5 लाख रुपये है, तो ऐसे लाइफ कवर का चुनाव करे जो 1 करोड़ रुपये की सुरक्षा प्रदान करे। |
आयु | अगर आपकी आयु 20 से 30 वर्ष के बीच है, तो ऐसे लाइफ कवर का चयन करें जो आपकी वार्षिक आय का 15 गुना तक हो, और अगर आपकी आयु 45 से 55 वर्ष के बीच है, तो ऐसा लाइफ इंश्योरेंस चुनें जो आपको, आपकी वार्षिक आय का 10 गुना तक अधिक हो। |
वित्तीय ऋण | सुनिश्चित कीजिये कि, आपका लाइफ इंश्योरेंस, आपके वित्तीय ऋणों जैसे कि, शेष उधारी, शेष शिक्षा लोन आदि, का निबटारा करने के लिए काफी है। |
महंगाई दर | आने वाले 15 सालों में, 7 प्रतिशत की महंगाई दर के अनुसार, 1 करोड़ रुपये की क़ीमत मात्र 33 लाख रुपये रह जाएगी। |
जीवन के लक्ष्य | अपने वित्तीय लक्ष्यों को बेहतर तरीके से समझें, लाइफ इंश्योरेंस कवर का चुनाव करते समय, अपने बच्चों की पढ़ाई, विवाह, जीवन के खर्चों आदि के बारे में सोचे। |
1. आयु: लाइफ इंश्योरेंस खरीदते समय आपकी आयु का अहम किरदार रहता है। जब आप युवा हैं, उसी समय जीवन बीमा खरीदिये और जितना सम्भव उतनी अवधि के लिए खरीदे।
2. वर्तमान आय: आपकी वर्तमान आय, लाइफ इंश्योरेंस के चुनाव में प्रमुख भूमिका निभाती है। अगर आप युवा है, तो ऐसा लाइफ इंश्योरेंस चुनें, जो आपकी का आय का लगभग 20 गुना अधिक हो।
3. ऋण: आपके वित्तीय ऋण भी आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के चुनाव में अहम भूमिका अदा करते हैं। सुनिश्चित करे कि आपकी पॉलिसी, आपके वित्तीय ऋण को चुका पाने में समर्थ रहेगी।
4. महंगाई दर: जीवन के विभिन्न पड़ाव पर आपके परिवार की ज़रूरतें विभिन्न होंगी। इसी लिये, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करते समय, महंगाई दर के प्रभाव का ध्यान रखें।
5. जीवन लक्ष्य: अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को समझना बहुत आवश्यक है। लाइफ इंश्योरेंस कवर का चुनाव करते समय अपने बच्चों की पढ़ाई, विवाह, जीवन के खर्चों आदि के बारे में सोचे।
आपकी वर्तमान स्थिति या वित्तीय ऋण, तय करते हैं कि आपको कितने बड़े इंश्योरेंस की ज़रूरत है। लाइफ इंश्योरेंस के बारे में निर्णय लेते समय, आपका मुख्य लक्ष्य अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित बनाने का होना चाहिए, ताकि अगर आप किसी दुर्घटना का शिकार होते है, तो उनका भविष्य सुरक्षित रहे। आपकी लाइफ इंश्योरेंस सुरक्षा इतनी होनी चाहिए कि, आपकी गैरमौजूदगी में आपके परिवार को जीवन की आवश्यकताओं से समझौता न करना पड़े।
जी हाँ, यूलिप योजनाएं कर लाभ उपलब्ध कराती है। दरअस्ल, यूलिप टैक्स सेविंग के सबसे बेहतरीन माध्यमों में से एक है। आयकर अधिनियम 1961 के तहत, आप अपनी मेहनत से कमाई गयी आमदनी पर, यूलिप में निवेश के ज़रिए टैक्स सेविंग कर सकते हैं। यूलिप के लिए किये गए प्रीमियम भुगतान पर, आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1।5 लाख तक कि कर कटौती हासिल की जा सकती है।
अगर आप लाइफ कवर, बेहतरीन रिटर्न्स और टैक्स सेविंग जैसे तिहरे लाभों के फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपको यूलिप में अवश्य निवेश करना चाहिए। अन्य निवेश योजनाओं के मुक़ाबले यह काफी बेहतर निवेश योजना है। यूलिप के तहत, पॉलिसी के लिए दिया गया प्रीमियम दो हिस्सों, निवेश और बीमे में, बंट जाता है। इसी कारण इस योजना में निवेश करने वाला जीवन बीमा सुरक्षा के साथ, ही अच्छे रिटर्न्स भी हासिल कर सकता है।
यूलिप, बाजार से जुड़े सबसे बेहतर निवेश विकल्पों में से एक है। यह आपको पूंजी बाज़ार में लंबे समय के लिए प्रवेश दिलाता है। यह बचत-सह-सुरक्षा योजना, सम्पत्ति और सुरक्षा का गठजोड़ है, जो यूलिप को काफ़ी हद तक सुरक्षित, लचीला और लाभदायक निवेश विकल्प बनाता है।
यूलिप के अनेक फायदों को जानने के बाद, यह सलाह दी जा सकती है कि, अपनी आयु और लक्ष्यों को देखते हुए, सबसे सही योजना चुनें। कैनरा एचएसबीसी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स आपको, विभिन्न यूलिप योजनाएं उपलब्ध कराता है, जो आपके लिए आदर्श हैं, और आपके वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में आपकी मदद करेंगे। हम आपके लिए यूलिप योजनाओं की एक बड़ी श्रंखला पेश करते हैं, जिनकी सहायता से आप निवेश और जीवन सहायता के दोहरे फायदे, एक साथ उठा सकते हैं।
यूलिप एनएवी को समझने के लिए पहले यह समझना जरूरी है कि, यूलिप कैसे काम करतीं है। यूलिप में निवेशको के प्रीमियम के एक हिस्से का इस्तेमाल करके, एक कोष बनाया जाता है। इस कोष का इस्तेमाल बाजार के अलग अलग माध्यमों में निवेश करने के लिए किया जाता है। इसके बाद हासिल हुई रिटर्न्स को निवेशकों के बीच बराबर बांटने के लिए, फंड मैनेजर कुल असेट मूल्य को छोटे हिस्सों में बांट देता है, जिनकी फेस वैल्यू होती है। एनएवी, प्रति बाजार शेयर के हिसाब से फंड का मूल्य होता है। एनएवीको और बेहतर तरीके से समझने के लिए, यह फार्मूला देखें।
अगर आप सही तरीका चुनते है, तो यूलिप में निवेश जोखिम भरा नहीं है। यूलिप के तहत जोखिम आपके चुने हुए निवेश विकल्प पर निर्भर करता है। अगर अधिक जोखिम पसन्द नहीं करते हैं, तो आप अपने लिए कम जोखिम वाले निवेश विकल्प चुन सकते हैं। जिन लोगों की जोखिम लेने की गुंजाइश अधिक है, वे इक्विटी में निवेश का विकल्प चुन सकते हैं, वहीँ जोखिम से बचने वाले डेब्ट फंड में निवेश कर सकते हैं।
अगर आप अपने फण्ड का मूल्य, किश्तों में हासिल करना चाहते हैं, तो आप सेटलमेंट क्लेम विकल्प चुन सकते है। सेटलमेंट विकल्प की सहायता से आप, अपनी परिपक्वता राशि, 5 साल की अधिकतम अवधि के दौरान किश्तों में हासिल कर सकते हैं। इस दौरान आप कभी भी अपने पूरे फण्ड को हासिल कर सकते हैं। हालांकि इस अवधि के दौरान आपको बीमा सुरक्षा प्राप्त नहीं होगी।
यूलिप जीवन बीमा उत्पाद है, जो आपको निवेश का विकल्प भी उपलब्ध कराते हैं। और दूसरे निवेश विकल्पों की तरह, इसमे भी रिटर्न्स की गारंटी नहीं होती है। हालांकि, अगर आप अधिक जोखिम उठाना पसन्द करते हैं, और अपने निवेश पर अधिक रिटर्न हासिल करना चाहते हैं, तो इक्विटी फण्ड का विकल्प चुनें।
यूलिप पॉलिसी के परिपक्व होने पर आपको अपनी वर्तमान एनएवी का फंड मूल्य प्राप्त होगा। फण्ड मूल्य, पॉलिसी की यूनिट को, एनएवी से गुणा करके हासिल किया जाता है।
प्रीमियम भुगतान बन्द करने के कारण आपकी बचत और वित्तीय लक्ष्यों पर प्रभाव पड़ेगा। ऐसा होने की स्थिति में, अपनी बीमा कंपनी के पास जाएं और बन्द हुई पॉलिसी को निर्धारित समय मे शुरू करने का आग्रह करें। आपको इस दौरान छूटे सभी प्रीमियम भरने होंगे।
यूलिप योजना निवेश और बीमे का मिश्रण है। इसलिए योजना का फायदा उठाने के लिए कम से कम 10 वर्षो के लिए निवेश करना ज़रूरी है। और जल्दी योजना को छोड़ने के अलग परिणाम हो सकते हैं। यूलिप में 5 वर्ष की लॉक इन अवधि होती है। इससे पहले अगर अपनी पॉलिसी समर्पित करते हैं, तब भी आपको, आपका धन 5 वर्ष बाद ही प्राप्त होगा।
आमतौर पर यूलिप में न्यूनतम लॉक इन अवधि, लगातार 5 पॉलिसी वर्ष की होती है। अगर इस अवधि के दौरान ही पॉलिसी को बंद या समर्पित किया जाता है, तो धनराशि का भुगतान नहीं किया जाता है। लॉक इन अवधि के बाद ही, निकासी की जा सकती है। इसके साथ ही अगर आप लॉक इन अवधि के भीतर पॉलिसी समर्पित करते हैं, तो आपको समर्पण शुल्क भी चुकाने होंगे।
आपको 5 वर्ष की लॉक इन अवधि समाप्त होने के बाद भी, पॉलिसी न छोड़ने की सलाह दी जाती है, क्योंकि आप जितने अधिक दिन पॉलिसी में बने रहते है, आपको उतने ही अधिक फायदे प्राप्त होते हैं।
आयकर अधिनियम 1961, की धारा 80C के तहत, यूलिप के लिए खर्च की गई राशि टैक्स कटौती की पात्र है। इसका मतलब यूलिप के प्रीमियम के लिए खर्च की गई राशि पर टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है। यह छूट अधिकतम 1।5 लाख रुपये के खर्च पर प्राप्त की जा सकती है। हालांकि, धारा 80C, 80CC और 80CCD (1) के तहत, कुल हासिल की छूट 1।5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही, पॉलिसी के परिपक्व होने पर प्राप्त होने वाली राशि पर, आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के तहत, आयकर छूट हासिल हासिल की जा सकती है।
यूलिप खरीदने के फायदे निम्नलिखित हैं:
1. टैक्स लाभ: यह आपको टैक्स के खर्चो से बचाता है। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, पॉलिसी के लिए अदा किए गए प्रीमियम पर टैक्स सेविंग की जा सकती है।
2. लम्बी अवधि की बचत: लम्बी अवधि के फायदे, यूलिप प्लान खरीदने के सबसे मुख्य फायदों में से एक है। यूलिप 5 साल की लॉक इन अवधि के साथ आती है, जिससे कि आप अधिक समय तक निवेशित रहते हैं।
3. दोहरे फायदे: यूलिप न केवल आपको जीवन बीमे के ज़रिए सुरक्षित करती है, साथ ही यह आपको अनेक निवेश माध्यम भी प्रदान करती है, जिनकी सहायता से आप अधिकतम रिटर्न्स हासिल कर सकते हैं। इन माध्यमों में, डेब्ट फण्ड, इक्विटी फण्ड, बैलेंस फंड शामिल हैं। आप इनमे से किसी मे भी अपनी पसंद और जोखिम की गुंजाइश के मुताबिक, निवेश कर सकते हैं।
4. फ्लेक्सिबिलिटी (नम्यता): यह आपको, अपने जोखिम उठाने की क्षमता के मुताबिक, फंड्स बदलने का विकल्प उपलब्ध कराती है। आप एक से अधिक फंड्स, अलग अलग रणनीति के साथ चुन सकते हैं।
5. आंशिक निकासी विकल्प: लॉक इन अवधि के बाद, यह योजना आपके मेडिकल इमरजेंसी और किसी आपात स्थिति में धन निकासी का विकल्प उपलब्ध कराती है।
अगर आप लम्बी अवधि में धन कमाने के लिए निवेश कर रहें हैं, तो यूलिप आपके लिए सटीक विकल्प है। यह निवेश नई गाड़ी खरीदने के लिये, अपना घर खरीदने के लिए, छुट्टियों पर जाने के लिए, बच्चों की उच्च शिक्षा, या शादी के लिये हो सकता है। यूलिप आपको इन सभी लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता करती है। इसके साथ ही यह 5 वर्ष की लॉक इन अवधि के साथ आती है, जिसके कारण आप अधिक समय तक निवेशित रहते है और बेहतर रिटर्न्स पाते है। लॉक इन तिथि, पॉलिसी जारी होने की तारीख से शुरू होती है।